संवाद सामग्री साझा करने वाले मंचों के लिये वैध-अवैध टिप्पणी की परिभाषा स्पष्ट करने की जरूरत: गूगल

नयी दिल्ली। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज गूगल ने कहा है कि सरकारों को संवाद सामग्री साझा करने वाले मंचों के लिये ;कानूनी और गैर-कानूनी टिप्पणियों के बीच स्पष्ट रेखा खींचने की जरूरत है। गूगल के अनुसार स्पष्ट परिभाषा के अभाव में ;मनमानी रोक लग सकती है जो जरूरी और वैध सूचना पहुंच को सीमित करेगी। कंपनी ने कहा कि नुकसानदायक संवादों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी सबकी है।

गूगल ने कहा कि संवाद सामग्री साझा करने वाले मंच पहले ही सामग्री नीति तैयार कर रहे हैं। यह नीति उपयोगकर्ताओं के लिये एक आधारसीमा तय करेगी तथा इसमें किसी सामग्री को हटाने के साथ-साथ खातों का निलंबन या उसे बंद करने के आधार का जिक्र होगा। गूगल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (वैश्विक मामलों) केंट वॉकर ने हाल में ;ब्लॉग में लिखे एक लेख में कहा, ;;लेकिन यह सरकारों के लिये भी जरूरी है कि वे नुकसानदायक और लोकतांत्रिक जवाबदेही और अंतररष्ट्रीय मानवाधिकारों के नियमों के साथ वैध और अवैध टिप्पणियों के बीच एक स्पष्ट रेखा खींचे। बिना स्पष्ट परिभाषा के मनमानी रोक का जोखिम है जिससे वैध सूचना की पहुंच सीमित होगी।

उन्होंने कहा कि मामले से निपटने की जिम्मेदारी सभी की है। उन्होंने कहा कि कई कानून हैं जो उपभोक्ता संरक्षण, मानहानि और निजता जैसे क्षेत्रों में आनलाइन संवाद सामग्री को नियंत्रित करते हैं। वॉकर ने कहा, ;;नई सूचना प्रौद्योगिकी, समाज और संस्कृति के विकास के साथ कानून को नई चुनौतियों और अवसरों का समाधान करना है। हमारा इस आसाधारण महत्वपूर्ण परियोजना में योगदान देने को लेकर नजरिया बिल्कुल सकारात्मक है। एजेंसी



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