कोरोना से लड़ने के लिए चीन समेत दुनियाभर के कई देश रोबोट्स की मदद ले रहे हैं। यह न सिर्फ हॉस्पिटल्स को सैनेटाइज करते हैं बल्कि पीड़ितों कर फूड और मेडिसिन पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं। भारत में भी यह वायरस तेजी से फैल रहा है, अबतक 4 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 130 लोगों की जान मौत हो चुकी है। ऐसे में भारत भी कोरोना को हराने में इन रोबोट्स की मदद लेने की तैयारी कर रहा है, ताकि जल्द से जल्द इस महामारी पर काबू पाया जा सके।
दुनियाभर के हेल्थ वर्कर, शोधकर्ता और सरकारें इस महामारी पर काबू पाने की कोशिश में लगी हैं। कोरोना अबतक 200 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। अबतक 12 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 69 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग रखने की सलाह दे चुका है। इंसानों के लिए घरों तक जरूरी सामान पहुंचाना और हाई रिस्क एरिया में पीड़ितों का इलाज करना एक बड़ी चुनौती बन गई है, ऐसे में यह रोबोट्स संक्रमितों का बेहतर तरीके से ट्रीटमेंट करने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं।
महामारी को रोकने के लिए चीन के वुहान शहर में होंगशैन स्पोर्ट्स सेंटर में 14 फील्ड हॉस्पिटल स्टॉफ के साथ 14 रोबोट तैनात किए गए। इन रोबोट्स को बीजिंग की रोबोटिक्स कंपनी क्लाउडमाइंड ने बनाया है। यह न सिर्फ साफ-सफाई करते हैं बल्कि पीड़ितों तक दवाईयां पहुंचाते हैं और उनके शरीर का तापमान भी चेक करते हैं।
देश के कई हिस्सो में चल रही टेस्टिंग, स्टार्टअप कंपनियां बना रही रोबोट
- भारत में भी कोरोना से लड़ने के लिए रोबोट्स की मदद लेने की तैयारी चल रही है। जयपुर के सरकारी हॉस्पिटल सवाई मान सिंह में भी ह्यूमनोइड रोबोट को लेकर ट्रायल चल रहा है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि यहां एडमिट कोरोना संक्रमितों तक दवाई और खाना पहुंचाने के लिए इन रोबोट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं। आधिकारियों का कहना है कि इससे हॉस्पिटल स्टाफ को संक्रमित होने से बचाया जा सकेगा।
- इसके अलावा केरल की स्टार्टअप कंपनी एसिमोव रोबोटिक्स ने तीन पहियों वाला रोबोट तैयार किया है। कंपनी का कहना है कि यह रोबोट आइसोलेशन वार्ड में संक्रमितों के सहायक की तरह काम करेंगे। यह पीड़ितों तक खाना और दवाईयां पहुंचाएंगे जो अबतक नर्स और डॉक्टर कर रहे हैं थे, जिससे उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
- हालांकि, इंसानों की जगह रोबोट्स की मदद लेना लोगों को नौकरी के प्रति असुरक्षित महसूस करवा सकता है लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि रोबोट के इस्तेमाल से न सिर्फ मेडिकल स्टॉफ को थोड़ा आराम मिलेगा बल्कि उनके संक्रमित होने के खतरे को भी कम किया जा सकेगा।
- साइंस रोबोटिक्स जर्नल में पब्लिश हु्ए एक लेख के मुताबिक, रोबोट्स न सिर्फ जगहों को संक्रमण रहित करने का काम कर रहे हैं, बल्कि पब्लिक एरिया में जाकर लोगों का टेम्परेचर चेक करने का भी काम कर रहे हैं। इसके अलावा क्वारैंटाइन व्यक्ति को अकेलापन महसूस ने हो इसके लिए उन्हें सोशल सपोर्ट भी दे रहे हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह टेस्टिंग के लिए लोगों के नाक और गले का सैंपल भी कलेक्ट काम भी कर रहे हैं।
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