इंटरनेट डेस्क। भारत में सोशल मीडिया अकाउंट WhatsApp को कई लोग यूज करते है। यदि सोशल मीडिया कंपनियों के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित कुछ नियम लागू हो जाते है। तो भारत मेें WhatsApp का वर्तमान रूप के अस्तित्व पर खतरा आ जाएगा। इस बात का खुलासा कंपनी के एक शीर्ष कार्यकारी ने बुधवार को दी है। बताया जा रहा है कि भारत में WhatsApp के करीब 20 करोड़ मासिक यूजर्स है। यह कंपनी के लिए दुनिया का सबसे बडा बाजार है। लेकिन इसके साथ ही WhatsApp के दुनिया भर में कुल 1.5 अरब यूजर्स है।
WhatsApp के कम्यूनिकेशन प्रमुख कार्ल वूग ने बताया कि प्रस्तावित नियमों में से जो सबसे ज्यादा चिंता का विषय है। वह यह है कि मैसेजेज का पता लगाने पर जोर देना है। फेसबुक के स्वामित्व वाली WhatsApp डिफाल्ट रूप से एंड—टू—एंड एनक्रिप्शन की पेशकश करता है। जिसका आशय है कि केवल भेजना वाला और प्राप्त करने वाला ही संदेश को पढ़ सकता है। इसके साथ ही WhatsApp भी भेजे गए संदेशों को नहीं पढ़ सकता है।
इस पर वूग का कहना है कि इस फीचर के बिना व्हाट्सएप बिल्कुल नया उत्पाद बन जाएगा। प्रस्तावित बदलाव जो लागू होने जा रहे है। वह मजबूत गोपनियता सुरक्षा के अनुरूप नहीं है। जिसे दुनिभा भर के लोग चाहते है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हम एंड टू एंड एनक्रिप्शन उपलब्ध कराते है। लेकिन नए नियमों के तहत हमें हमारे उत्पाद को दोबारा से गढ़ने की जरूरत होगी। ऐसी परिस्थिति में मैसेजिंग सेवा अपने मौजूदा स्वरूप नहीं रहेगी।
इसके बाद वूग ने कहा कि इस पर अनुमान लगाने से मदद नहीं मिलेगी कि आगे क्या होगा। इस मद्दे पर भारत में चर्चा करने के लिए एक प्रक्रिया पहले से ही है। दरअसल, एंड टू एंड एनक्रिप्शन फीचर से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अफवाह फैलाने वाले लोगों तक पहुंचना मुश्किल होता है।
from Technology-gadgets - samacharjagat.com http://bit.ly/2GdCP2L