इससे पहले सरकार के वकील ने पक्ष रखते हुए कहा था कि सोशल मीडिया को आधार से जोड़ने के बाद अगर कोई फेक न्यूज़, अपमानजनक लेख, अश्लील सामग्री, राष्ट्र विरोधी और आतंक समर्थित कंटेट को फैलाने की कोशिश करेगा तो उसका पता चल जाएगा.
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