सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर हिंदी, उर्दू समेत 9 क्षेत्रिय भाषा में पड़ सकेंगे फैसले, एआई तकनीक से हो रहा ट्रांसलेशन

गैजेट डेस्क. सुप्रीम कोर्ट के फैसले अब 9 क्षेत्रिय भाषा में पढ़े जा सकेंगे। इसमें हिंदी असमिया, कन्नड़, मराठी, उड़िया, तमिल, तेलुगु और उर्दू समेत बंगला भाषा शामिल है। सर्वोच्च न्यायलय ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर क्षेत्रिय भाषाओं में निर्णय अपलोड करना शुरू कर दिए है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक और प्रशिक्षित उच्चतम न्यायालय विधिक अनुवाद साफ्टवेयर (सुवास) की मदद ली जा रही है। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि फिलहाल इसमें श्रम, किराया अधिनियम, भूमि अर्जन और अधिग्रहण, सेवा, प्रतिकर, दांडिक, कुटुम्ब विधि, साधारण सिविल, स्वीय विधि, धार्मिक और पूर्त विन्यास, साधारण धन और बंधक, सरकारी स्थान (बेदखली) अधिनियम के अधीन बेदखली मामले, भूमि विधियां और कृषि अभिधृतियां तथा उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित मामले शामिल हैं।

अपील और अन्य ऑफिशियल कार्यों के लिए अग्रेंजी कॉपी ही इस्तेमाल होगी

रिपोर्ट के मुताबिक, इसे कोर्ट के टेक्निकल टीम द्वारा बनाया गया है। यह एक मशीन ट्रांसलेशन सॉफ्टवेयर है, जिसमें कई सारे मशीन इंजन का इस्तेमाल किया गया है। मशीन द्वारा ट्रांसलेट किए गए रिजल्ट को प्रोफेशनल ट्रांसलेटर द्वारा चेक किया जाता है या नहीं इसे लेकर फिलहाल कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। ट्रांसलेटेड निर्णय के अंत में एक डिसक्लेमर लिखा होता है कि इस अनुवाद का उद्देश्य दस्तावेज को लोगों के लिए सुलभ बनाना है। हालांकि अपील और अन्य आधिकारिक कार्यों के लिए इसकी अंग्रेजी कॉपी ही इस्तेमाल करनी होगी।

अब तक 6 भाषाओं में हुआ है अनुवाद
अब सुप्रीम कोर्ट पोर्टल के मुख पृष्ठ में 'वर्नाक्युलर जजमेंट्स' नामक एक अलग टैब देखा जा सकता है। अब तक फैसले का अनुवाद 6 स्थानीय भाषाओं में किया गया है, जिसमें असमिया, हिंदी, कन्नड़, मराठी, उड़िया और तेलुगु भाषा शामिल है। किसी विशेष राज्य से संबंधित मामले का निर्णय उस राज्य की भाषा में अनुवादित किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर अगर कर्नाटक का मामला है तो फैसला कन्नड़ भाषा में भी मिलेगा।

राष्ट्रपति ने वर्ष 2017 में इस विचार का किया था अनुमोदन
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अक्टूबर 2017 में इस विचार को सामने रखा था और यह कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में ऐसी प्रणाली विकसित की जा सकती है, जिसमें निर्णय की अनुवादित प्रतियाँ स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में कई उच्च न्यायालयों द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं।

राष्ट्रपति ने क्या कहा था



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Now Supreme Court verdict will be available in 9 regional languages including Hindi, Urdu, translation is being done with the help of AI technology


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