लगभग हर व्यक्ति को लगता है कि वो परफेक्ट ड्राइवर है लेकिन जाने-अनजाने में ड्राइविंग के दौरान हम सभी ऐसी गलतियां कर रहे होते हैं, जो गाड़ी की उम्र को कम कर रही होती है, लेकिन इसका पता हमें तब चलता है जब काफी देर हो चुकी होती है, पार्ट्स डैमेज हो चुके होते हैं। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कार ड्राइव करने के दौरान हम क्या गलतियां करते हैं और इनसे कैसे बच सकते हैं...
1. गाड़ी समय पर वॉश न कराना
लगभग सभी को आउटिंग के लिए शौक होता है, बारिश हो या कोई भी मौसम फैमिली और फ्रेंड्स के साथ घूमने-फिरने किसे पसंद नहीं। खासतौर से बारिश के मौसम की बात की जाए, तो इस दौरान आउटिंग करने से गाड़ी की अंडर बॉडी में पानी और कीचड़ लग जाता है, जिससे जंग लगने का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक अगर गाड़ी वॉश न करवाई जाए, तो पार्ट्स डैमेज हो सकते हैं। ऐसे में बारिश के सीजन में गाड़ी साफ-सुथरी रखने की कोशिश करें। बारिश का मौसम जाने की बाद भी जिनकी रनिंग ज्यादा नहीं है उन्हें खासतौर से कार वॉश करा लेना चाहिए ताकि पार्ट्स में जंग लगने की टेंशन न रहे। हो सके तो सायलेंसर की कोटिंग करा लें क्योंकि यह बार-बार गर्म-ठंडा होता है और इसमें ऑक्सीडेशन की प्रोसेस तेज होती है इसलिए जल्दी जंग लगती है। बजट ज्यादा है को फुल बॉडी कोटिंग करा सकते हैं।
2. क्लच के ऊपर जोर देकर लंबे समय तक गाड़ी खड़ी रखना
इसे इस बात से समझा जा सकता है कि चढ़ाई चढ़ते वक्त यदि हम जाम में फंस जाते हैं तो हम गाड़ी न्यूट्रल कर हैंड ब्रेक लगाने की बजाए लगातार क्लच पर जोर देकर या हाफ क्लच में गाड़ी आगे बढ़ाते रहते हैं। जाम में फंसे होने से गाड़ी खड़ी रहती है लेकिन क्लच भी अपना काम कर रहा होता है, लंबे समय इस स्थिति में खड़े रहने पर क्लच पर जोर पड़ता है, जिसे उसके खराब होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। इसलिए चढ़ाई पर यदि लंबा जाम हैं तो बेहतर होगा कि हैंड ब्रेक लगाकर गाड़ी न्यूट्रल कर लें।
3. गियर शिफ्ट करने के बाद भी क्लच पर पैर रखे रहना
बात अगर नए ड्राइवर की हो तो यह समस्या बहुत आम है लेकिन कई पुराने ड्राइवर भी अक्सर यह गलती करते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि गियर बदलने के तुरंत बाद क्लच से पैर हटा कर क्लच रेस्ट पर पैर रखें। अगर गाड़ी में क्लच रेस्ट नहीं है तो साइड में रख लें। ऐसे इसलिए क्योंकि पैर के वजन से भी क्लच के ऊपर कुछ न कुछ प्रेशर पड़ता है। हालांकि इससे क्लच डिस्क खराब नहीं होते हैं लेकिन प्रेशर प्लेट के फिंगर्स हार्ड हो जाते हैं, जिससे क्लच कुछ समय बाद टाइट लगने लगता है। लंबे समय तक अगर ऐसा करते हैं तो माइलेज पर तो फर्क पड़ेगा ही साथ ही क्लच में खराबी आने की संभावना बढ़ जाती है।
4. विंड शील्ड को पेपर से साफ करना
हम अक्सर विंड शील्ड को साफ करने के लिए पेपर को इस्तेमाल करते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि विंड शील्ड को पेपर से कभी साफ न करें, क्योंकि ये विंड शील्ड के लिए स्लो पॉइजन का काम करता है। क्योंकि पेपर कई तरह के मटेरियल से बना होता है, अगर हम कांच को पेपर से साफ करेंगे तो उसके छोटे-छोटे कण कांच को धीरे-धीरे खराब कर देंगे। हालांकि इसका असर काफी लंबे समय बाद नजर आता है। इसलिए विंड शील्ड साफ करने के लिए हमेशा माइक्रो फाइबर क्लॉथ से साफ करें। कोशिश करें, जिस कपड़े से गाड़ी का कांच साफ कर रहें हैं उससे किसी दूसरे चीज को साफ न करें, जिससे उस कपड़े में डस्टिंग और हैवी पार्टिकल्स के लगने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
नोट- गर्मी में अगर गाड़ी घर के बाहर लंबे समय तक खड़ी रहती है, तो वाइपर ब्लेड आर्म को उठा दें, ताकि कांच वे विंड शील्ड के संपर्क में न रहें। इससे वाइपर ब्लेड की लाइफ बनी रहेगी।
5. हैंड ब्रेक लगाकर लंबे समय के लिए गाड़ी खड़ी कर देना
खासतौर से बारिश के मौसम में हैंड ब्रेक का इस्तेमाल सोच-समझ कर करें वरना जेब पर भारी पड़ सकता है। बारिश के मौसम में अगर हफ्ते या महीने भर के लिए कहीं गाड़ी खड़ी कर रहे हों तो हैंड ब्रेक न लगाएं। ऐसा करने से पिछले पहिए के ड्रम ब्रेक जाम हो सकते हैं। रिपेयरिंग के लिए मैकेनिक को उसी जगह आकर ड्राम ब्रेक खोलना पड़ेगा, और हो सकता है कि नए भी डलवाना पड़ जाएं।
6. बिना बटन दबाए हैंड ब्रेक खींच देना
कई बार देखने में आता है कि लोग बिना बटन दबाएं हैंड ब्रेक को पूरी ताकत से खींच देते हैं। लेकिन सही तरीका यह है कि हैंड ब्रेक रिलीजिंग बटन दबाकर ही पार्किंग ब्रेक को इंगेज करें। ऐसा नहीं करने पर लॉकिंग गियर खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। सही तरीके से इस्तेमाल करेंगें तो हैंड ब्रेक की लाइफ बनी रहेगी।
7. टायर प्रेशर, व्हील बैलेंसिंग और अलाइनमेंट को नजरअंदाज करना
टायर प्रेशर न सिर्फ टायर बल्कि गाड़ी की लाइफ को बढ़ने में भी अहम भूमिका निभाते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इस और ध्यान नहीं देते। जिसका परिणाम यह होता है कि हम जल्दी टायर बदलने पढ़ जाते हैं। एक्सपर्ट न बताया कि टायर्स की लंबी उम्र के लिए हर पांच हजार किलोमीटर पर व्हील बैलेंसिंग और हर 10 हजार किलोमीटर पर अलाइनमेंट और टायर रोटेशन करें। आमतौर पर कई कंपनी कई टायर्स की लाइफ 30 हजार किमी. क्लेम करती हैं लेकिन अब समय समय पर व्हील बैलेंसिंग-अलाइनमेंट कराते रहेंगे तो इन्हें 40 हजार किमी. तक भी यूज किया जाता सकता है। इसके अलावा लंबे समय कहीं गाड़ी खड़ी कर रहे हैं तो उसे आगे-पीछे करते रहें ताकि फ्लैट स्पॉट आने की संभावना न रहे।
8. गियर शिफ्टिंग पर ध्यान न देना
कई लोग फर्स्ट गियर पर गाड़ी स्टार्ट करके तेज एक्सीलेरेशन करते हैं और तुरंत बाद गियर बदलना शुरू कर देते हैं। इसका गाड़ी के इंजन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, जो थोड़े समय बाद दिखना भी शुरू हो जाता है जब इंजन में या क्लच में काम निकलता है। एक्सपर्ट ने बताया कि इंजन कि बेहतर लाइफ और माइलेज के लिए नॉर्मल और परफेक्ट गियर शिफ्टिंग करनी चाहिए। डीजल गाड़ियों में दो से ढाई हजार आरपीएम पर जबकि पेट्रोल गाड़ी में साढे तीन से चार के बीच में गियर शिफ्ट करें। इसे ऊपर आरपीएम में गियर शिफ्ट करेंगे तो इससे इंजन को नुकसान तो पहुंचगा ही साथ ही फ्यूल की खपत भी ज्यादा होगा।
9. पैसे बचाने के लिए कोई भी इंजन ऑयल डलवा लेना
गाड़ी पर खर्च करने के मामले में कई लोग थोड़े कंजूस हो जाते हैं। पैसे बचाने के चक्कर में कोई सा भी इंजन ऑयल डलवा लेते हैं, जोकि बिल्कुल गलत है। ऑयल की क्वालिटी का सीधा असर इंजन की लाइफ पर पड़ता है। इंजन को बेहतर तरीके से काम करने के लिए अच्छे ऑयल की जरूरत होती है, जिसकी विस्कोसिटी अच्छी हो। एक्सपर्ट ने बताया कि जिसकी गाड़ी साल भर में 50 से 60 हजार किमी. या उससे ज्यादा चलती है, तो उसे इंजन की लंबी उम्र के लिए फुल सिंथेटिक ऑयल डलवाना चाहिए क्योंकि उनकी गाड़ी की रनिंग और इंजन के चलने की घंटे काफी ज्यादा होते हैं, अगर रनिंग कम है तो अथॉराइज्ड सेंटर से मिनरल ऑयल डलवाया जा सकता है।
10. गाड़ी स्टार्ट करते ही दौड़ाने लगना
अक्सर लोग गाड़ी स्टार्ट करते ही उसे दौड़ाना शुरू कर देते है, जोकि बिल्कुल गलत है, क्योंकि इस समय इंजन पूरी तरह से तैयार ही नहीं होता है। खासतौर से सर्दियों के मौसम में ऑयल नीचे जमा हो जाता है, ऐसे में गाड़ी की लंबी उम्र के लिए जरूरी कि ऑयल अच्छी तरह से पूरे इंजन में सर्कुलेट हो जाएं। इसके लिए कर कम से कम एक मिनट के लिए कार स्टार्ट करके छोड़ दें ताकि ऑयल अच्छी तरह के इंजन में फैल जाए। ऐसा न करने पर पिस्टन समेत इंजन के अन्य पार्ट्स डैमेज हो सकते हैं, जो रिपेयर करवाना काफी खर्चीला काम हो सकता है।
नोट- सभी टिप्स मारुति सुजुकी के सर्विस मैनेजर मोहम्मद अहमद, हुंडई के सर्विस मैनेजर सिद्धार्थ गुप्ता और सर्विस सेंटर ऑनर मनप्रीत सिंह से बातचीत के आधार पर हैं
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